जातक कथा संग्रह
मेहनत न करने का फल एक किसान था । वह खेती करने के लिए दो बैल पालता था । वह बैल खेती में बड़ी मेहनत करते थे । पर किसान उन दोनों का कुछ खास ख़याल नहीं रखता था । उन दोनों के लिए बस कुछ सुखी घास डालता था । बहुत दिन ऐसे ही बिताने के बाद एक बैल दूसरे से बोला | " हम इतनी मेहनत करते है और किसान हमें खाने के लिए सिर्फ कुछ सुखी घास और रहने के लिए यह गंदी सी जगह का ही इंतज़ाम कर पाया है । मैं तो इस फ़िजूल की मेहनत से परेशान हो गया हुं । हम दोनों से अच्छा तो उस किसान के सुवर है जो बिना कुछ किये दिन रात बहुत दिनों से अच्छा खाना खा रहे है । किसान उनका कितना ख्याल रखता है । " यह बात सुनकर दूसरे बैल ने उसे कुछ दिन और रुकने के लिए कहता है । एक दिन किसान घर जल्दी आ जाता है । उसके साथ कुछ मेहमान भी होते है । दरअसल किसान उनको अपनी बेटी के लिए रिश्ता तय करने के लिए घर बुलाता है । रसोई घर में महिलाये जोरो से काम की तैयारी कर रही होती है । कुछ ही देर में किसान बाहर आता है और सुवरो को मुक्त करके उनका गला काट देता है । यह सारी घटना देखकर बोधिसत्व बैल पहले से कहता है "मैंने तुम्हे