भिक्षुणी धम्मदिन्ना की कहानी
श्रावस्ती नगर में एक बहुत धनवान व्यापारी की एक बेटी थी | एकलौती होने के कारन उसे बड़ा लाड प्यार किया जाता था | वह उसके घर के दूसरे मजिंला घर की खिड़की से नीचे आने जाने वाले लोग और दिन चर्या को देखती रहती | जब वह बड़ी होने लगी उसे नगर में आने जाने वाले एक भील से मोह हो गया | जिसको वह खिड़की से देखा कराती थी | वह भील जंगलों से अजीब अजीब जड़ी बूटी और प्राणियों को बेचने के लिए नगर में आया करता था | लड़की के माता पिता उससे बहुत अधिक प्यार करते थे | वह बहुत अमिर भी थे | उसके माता पिता चाहने लगे की उसकी शादी किसी अच्छे अमिर लड़के से कर दे | एक दिन लड़की ने उस भील से बात करके पहचान बना ली | फिर एक दिन वह उस भील लड़के के साथ खुद ही भाग करके शादी कर ली | यहाँ माता पिता को कुछ पता नहीं चला | वह लड़की उस भील के साथ जंगल में एक कुटिया में रहने लगी | वह दोनों वैसे ही जंगलो में रहने वाले लोगो की तरह उदर निर्वाह करने लगे | उसने दो लड़कों को जन्म भी दिया | एक दिन जब वह राह से गुजरते गुजरते जा रहे थे तब दूसरा लड़का पैदा हुवा था वह बहुत अशक्त महसूस कर रही थी | उसके पति ने वैसे ही कुछ करके वह कुटिया बना दी |